अपने चिठ्ठे का टी आर पी कैसे बढ़ायें?
Posted by सागर नाहर on 8, जुलाई 2006
आज निधि जी के चिठ्ठे चिन्तन पर टी आर पी बढ़ाने संबधित लेख पढ़ा। चुँकि निधि जी चिठ्ठाकारी के क्षेत्र में नयी हैं ( अब हम कौन हड़्ड़पा और मोहन जोदड़ो के जमाने के है) परन्तु उनके इस लेख ने कई पुराने चिठ्ठाकरों के लेखन की गुणवत्ता को चुनौती दे दी है।
अब आते हैं मूल विषय पर कि अपने ब्लॉग की टी आर पी कैसे बढ़ायें?
तो पेश है जनाब कुछ नुस्खे
हर एक चिठ्ठे पर जाकर टिप्पणी दें कुछ समीर जी और सागर चन्द की तरह । टिप्पणी कैसे दें यहाँ सीख सकते हैं। वैसे खुछ खास नहीं करना है समीर जी के लेख की टिप्पणीयाँ सेव कर लें बाद में बस copy, pest ही करते रहें।
किसी के चिठ्ठेपर टिप्पणी करें तब अपने चिठ्ठे का लिन्क देना ना भूलें।
परिचर्चा के ज्वलन्त मुद्दे वाले थ्रेड में जाकर किसी विषय पर सारी टिप्पणियों के विपरित टिप्पणी दें, वहाँ भी अपने हस्ताक्षर के साथ अपने चिठ्ठे का लिन्क अवश्य दें।
व्यंगात्मक टिप्पणी दो लोग बदला लेने आपके चिठ्ठे पर जरूर आयेंगे।
आमिर खान, नरेन्द्र मोदी और नर्मदा जैसे विषयों पर लेख लिखो, जिसमे नरेन्द्र मोदी, भाजपा, नर्मदा का फ़ेवर हो और महेश भट्ट, शबाना आज़मी, आमिर खान, तिस्ता सेतलवाड आदि का विरोध ।
अपने धर्म के बारे में अनर्गल लिखो।
टाईटल एक दम कुछ हटके रखो जैसे अलविदा चिठ्ठा जगत , अपने चिठ्ठे का टी आर पी कैसे बढ़ायें? और अपना ब्लाग बेचो, भाई एवं आप सब बुद्धिजीवियों से ये उम्मीद ना थी! आदि……..पाठकों को कैसे पकायें? जैसा टाईटल कभी ना रखें।
समय समय पर लोगों को अपना स्टार्ट काऊंटर का अंक बताते रहो कि अब मेरे १००० हिट पूरे हुए अब मेरे १००१ हिट पूरे हुए। कुछ इस तरह।
कुछ पहेली शहेली भी कभी कभार अपने चिठ्ठे पर लिख दो, जिसका हल आपको भी ना आता हो।
एन आर आई पर उनके देश प्रेम के प्रति संदेह व्यक्त करते हुए लेख लिखो। भले ही वह झूठ ही क्यों ना हो।
कुछ बेतुकी रोमान्टिक कविता लिखो ( आईडिया सौजन्य: ई-स्वामी जी)
समय समय पर सन्यास लेने की धमकी देते रहो, वीरू प्राजी की तरह टंकी पर चढ़ कर ! और हाँ सागर की तरह भी,लोग बाग मौसी जी की तरह डर कर आपको मनाने जरूर आयेंगे । यह सब से कारगार नुस्खा है अपने चिठ्ठे का टी आर पी बढ़ाने का।
मुफ़्त के जुगाड़ ढूंढ कर अपने चिठ्ठे पर उनका लिन्क दो।
कुछ नई खोज और नयी वैज्ञानिक क्रान्ति के बारे में लिखो।
अपने चिठ्ठे पर लेख लिख कर पुराने चिठ्ठा लेखकों से बेवजह पंगा लेते रहो ।
अंत में यहाँ और बहुत सारे आईडिया है सारे क्या मैं ही बताऊंगा क्या आप कुछ नही करोगे । सौजन्य मेरा पन्ना
उन्मुक्त said
क्या बात है चलिये आपकी सलाह आप पर ही अजमायें
Pankaj Bengani said
वाह सागर क्या लिखे हो…बहुत खुब … शुभान अल्लाह… देखा टी.आर.पी. बढ गई. 😉
Nidhi said
बड़े अच्छे सुझाव खोज के लाये नाहर जी । मजा आ गया । कल ही से लीजिये…आज़माइश चालू ।
अनूप शुक्ला said
अमल पहले किया बताया बाद में! बहुत खूब!
राजीव said
वाह भाई, अपना नुस्खा सलाह में भी दिया – लेकिन इनमें से दो ख़ुराक पहले स्वयं को ही पिला दी – होम्योपैथी वाले डॉ. हैनीमैन की तरह।
टिप्पणी एवं टिप्पणीशास्त्र | सारथी said
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