निर्मला सागर को शोक
Posted by सागर नाहर पर 26, सितम्बर 2006
“मीरा बाई के भजन” के नाम से लिखने वाली चिट्ठाकार और मेरी पत्नी श्रीमती निर्मला सागर की बुवा की १६ वर्षीय पुत्री निशा का आज सुबह सूरत में प्रात: १०.०० बजे निधन हो गया।
दिनांक १६-०९-२००६ को जब अपनी सहेली के साथ निशा कॉलेज जा रही थी तब ताप्ती नदी के पुल पर एक ऑटो ने अचानक ब्रेक मार दिया और पीछे स्कूटी चला रही निशा संभल नहीं पाई और ऑटो से टकरा कर गिर पड़ी जब तक उठती पीछे आ रहा ट्रेकटर उन दोनो के उपर चढ़ चुका था, निशा की सहेली ने तो घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, निशा का १० दिन अस्पताल में रहने के बाद सुबह निधन हो गया।
जब मेरी सगाई की बात चल रही थी, और मैं निर्मला जी को देखने गया थ, तब निशा १ वर्ष की थी और निर्मला जी निशा को गोद में लेकर हमारे पास आई थी, हम निर्मला जी से क्या बातें करते निशा को खिलाने लग गये, बस तब से उस बच्ची के साथ स्नेह का ऐसा रिश्ता बना जो वर्णन कर पाना मुश्किल है।
मई महीने में रात को १० बजे एक बार मैने फ़ोन किया तो निशा के पापा दिनेश जी का कहना था कि वे अभी थियेटर में है क्यों कि निशा ने कहा है कि पापा आज फ़िल्म दिखाओ और आप जानते हो मैं निशा की कोई बात नहीं टाल सकता और वैसे भी निशा का मेरा साथ है ही कितना शायद ४ या ५ साल, बाद में तो उसे दूसरे घर जाना ही है!!
क्या पता कुदरत को क्या मंजूर था कि निशा का हम सबके साथ ४-६ साल नहीं बल्कि ४-६ महीनों का ही है।
उस मासूम की शक्ल आँखों के सामने से नहीं हटती। भगवान निशा की आत्मा को शान्ति दे
pankaj बेंगाणी said
हे प्रभु
बहुत ही दःखद घटना है। किसी स्नेही स्वजन का युँ चले जाना बहुत ही कष्टकारी होता है।
भगवान निशा की आत्मा को शांति एवं आपको इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
😦
Giriraj Joshi said
बहुत दुःख हुआ नाहरजी!!! मगर भगवान की मरजी के आगे कोई क्या कर सकता है???
भगवान उसकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।
नीरज दीवान said
अत्यंत दुखद समाचार है. मेरी संवेदनाएं आपके साथ हैं.
प्रमेन्द्र प्रताप सिंह said
आखो मे पानी आ जाता है,
जब कोई स्नेही जन चला जाता है।
कुदरत की मर्जी के आगे बस,
इन्सान मूक दर्शक बन कर रह जाता है।
ईश्वर आपके तथा निशा बहन के परिवार को दु:ख के घडी मे शक्ति व साहस प्रदान करें तथा पुण्यात्मा को शान्ति प्रदान करें।
pankaj बेंगाणी said
अत्यंत दुखद घटना हैं. मैं संवेदना व्यक्त करता हूँ. भगवान उनकी आत्मा को शांति एवं आपको इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.
ratna said
हमें अपने दुख में सहभागी मानें।
समीर लाल said
परम पिता परमेश्वर से मृत आत्मा की शान्ति हेतु तथा सब परिजनों को इस दुखद घडी को सहने की शक्ति प्रदान करने के लिये प्रार्थना करते हैं .
हम इस दुखद पलों मे आपके साथ हैं.
आशीष said
हम आपके दू:ख मे सहभागी है।
pratyaksha26 said
ईश्वर आप लोगों को शक्ति प्रदान करें इस दुख की घडी में
प्रेमलता said
प्रभु उस बच्ची की आत्मा को शांति प्रदान करें और आप सभी को दुख सहने की शक्ति।
turkan dizi said
thank you wery good