मनपसन्द धारावाहिक-२
Posted by सागर नाहर on 17, फ़रवरी 2007
पिछले लेख में मेने आपको मेरी पसन्द के कुछ धारावाहिकों के बारे में बताया था, लेख काफी अमिताभी और फुरसतिया 🙂 होने लगा था इसलिये जारी रख दिया था।
हाँ तो मेरी पसन्द का अगला कार्यक्रम है NDTV Profit का कार्यक्रम “अविष्कार इण्डिया” जो पता नहीं क्यों पिछले कुछ दिनों से बन्द कर दिया गया है। यह कार्यक्रम शायद अब भी अंग्रेजी में India innovates के नाम से आता हो! अविष्कार इण्डिया में भारत के उन वैज्ञानिकों को बताया जाता है, जिन्होनें बिना किसी शिक्षा या कम शिक्षा और बिना सहायता के ऐसे अचरज भरे अविष्कार किये हैं कि उन्हें देख कर हम आश्चर्य चकित हो जाते हैं।
दिलीप माधव साहू जो अभी मात्र १२वीं कक्षा के छात्र हैं और अपने नेत्रहीन चाचा की परेशानी को देखते हुए ब्रेल लिपी से ज्यादा सुगम एक नई लिपी का अविष्कार कर दिया है। उड़ीसा के एक और छात्र जिसका नाम अभी याद नहीं आ रहा है उसने अपनी मोटर साईकिल में ऐसे संशोधन किये हैं कि उसे चलाने में किसी अतिरिक्त ऊर्जा का दहन नहीं करना पड़ता यानि बिना पेट्रोल की मोटर साईकिल।अपनी मोटर साईकिल में एक बैटरी को इस तरह से फिट किया है कि जिससे वह चलते समय चार्ज होती रहती है और किसी भी प्रकार की उपरी ईंधन की जरूरत नहीं होती। बिहार में लगातार बाढ़ को देखते हुए एक बुजुर्ग मोहम्मद सैदुल्लाह ने ८० वर्ष की उम्र में एक ऐसी साईकिल का अविष्कार किया है जो पानी पर भी चल सकती है। इस तरह के और भी अविष्कारों की सूची यहाँ और यहाँ है।
मेरी पसन्द का अगला कार्यक्रम वही है जो संजय भाई , डॉ टंडन साहब और प्रियंकर भाई साहब का भी है , यानि ” बा बहू और बेबी”!
यह एक गुजराती संयुक्त परिवार की कहानी है। जैसा मैने अपने एक लेख में बताया था कि ज्यादातर कहानियों में एक ननंद होती है जो अपने मायके में ही पड़ी रहती है और बहुओं के खिलाफ अपनी माँ के कान भरती रहती है, इस कहानी में भी चारूबाळा यही करती रहती है पर सबसे बड़ी बात यह है कि सासू उस की बातों में नहीं आती। बाकी ज्यादातर कहानियों में सास बहू के खिलाफ हो जाते है , परन्तु इस कहानी में गोदावरी ठक्कर (बा) यानि सरिता जोशी अपनी बेटी की बातों में आकर उनकी बिना गलती, बहूओं को नहीं डाँटती। गुजराती नाटकों एक से एक मंजे हुए कलाकारों के अभिनय से सजे इस धारावाहिक की एक कमी भी है और वह यह है कि यह कुछ ज्यादा ही गुडी-गुड़ी यानि राजश्री की फिल्मों की तरह है, फिर भी मुझे बहुत पसन्द है।
मैं इस अविष्कार इंडीया पर अलग से एक विस्तृत लेख लिखना चाहता था परन्तु धारावाहिकों की बात चली तो उसे यहीं शामिल कर लिया है और सीधे लिंक भी दे दिये हैं जिससे आपको विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। आप भी किसी अच्छे कार्यक्रम के बारे में जानते हों तो हमें अवश्य बतायें।
(संपूर्ण)
समीर लाल said
हमारे यहाँ तो NDTV आता ही नहीं है. ;(
दीपक said
बंधू, आपका अविष्कार तो सदा ही निराला रहता है. शायद आपकी उत्प्रेरणा से NDTV वाले पुन: इसका प्रसारण हिन्दी मे करे. 🙂
अनजान said
बहुत बढ़ीया जानकारी दी हे सागर जी ने ! मजा आ गया