डॉ श्याम बेडसे MBBS
Posted by सागर नाहर on 23, फ़रवरी 2007
सर्किट की लाख कोशिशों के बाद भी मुन्ना भाई के MBBS पास करने के अरमान भले ही पूरे ना हो पाये हों पर श्याम भाई ने यह करिश्मा कर दिखाया है, और वह भी अपने जीवन के ५१ वें वर्ष में!
महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में जन्मे श्याम बेडसे की इच्छा थी कि वे डॉक्टर बने और उन्होने १९७६ में मेडिकल शिक्षा के लिये प्रवेश लिया और पारिवारिक कारणों से उन्हें एक साल बाद ही अपना शिक्षण अधूरा छोड कर घर गृहस्थी संभालनी पड़ी। उनका विवाह हुआ कल्पना से जो एक नर्स है। विवाह के बाद बच्चे हुए और घर गृहस्थी में श्याम ऐसे फँसे कि उनके अरमान धरे रह गये ।
एक दिन कल्पना को पता चला कि उनके पति की इच्छा थी कि वे डॉक्टर बने। कल्पना ने अपने पति को प्रोत्साहित किया कि वे फिर से एक कोशिश करें। डॉ श्याम ने कोशिश की पर उन्हें मायूसी हाथ लगी जब कई मेडिकल कॉलेजों ने उन्हें दाखिला देने से मना कर दिया पर श्याम और कल्पना हिम्मत नहीं हारे, आखिरकार उन्हें दाखिला मिला और इस वर्ष श्याम ने अपनी शिक्षा पूरी की और ३१ वर्ष बाद डॉक्टर बन ही गये।
श्याम बेडसे को अपनी पढ़ाई के दौरान कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा, एक बार तो उन्हें फर्जी डिग्री लेकर डॉक्टरी करने के आरोप में दोनो पति पत्नी को सात दिन की जेल यात्रा भी करनी पड़ी यह बात अलग है कि सेशन कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी किया। इस दौरान कल्पना ने ही सारी गृहस्थी को संभाला और पति तथा दोनो बच्चों की पढ़ाई के खर्चों का भी बंदोबस्त किया। इस वजह से डॉ श्याम अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी पत्नी कल्पना को देते हैं।
डॉ श्याम फिलहाल पुणे के बी जे मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहे हैं और पूरी होने के बाद उनकी इच्छा है कि वे आर्थिक रूप से अक्षम लोगों के लिये अस्पताल खोलें।
कहते हैं ना जहाँ चाह वहाँ राह और इस कहावत सच कर दिखाया डॉ श्याम ने। डॉ श्याम वाकई बधाई के पात्र हैं, लगभग पन्द्रह मिनिट तक डॉ श्याम की पूरी जीवनी को समाचार में बताने के लिये स्टार न्यूज की टीम भी बधाई की पात्र है जिसने कई दिनों के बाद एक सुखद: समाचार पर इतना ध्यान दिया।
Shrish said
वाह वाह इसे कहते हैं हिम्मत ए मर्दा तो मदद ए खुदा।
श्याम जी ने इसे सच कर दिखाया।
गिरिराज जोशी "कविराज" said
भगवान कल्पना सी बीवी सभी को दें…. डॉ. श्याम को बधाई!!!
सुरेश चिपलूनकर said
यह एक सकारात्मक समाचार है.. वाकई यह तारीफ़ के काबिल है… इसके द्वारा मुझे भी कुछ सीखने की इच्छा हुई है…
सागर जी… मैने आपके yahoo ID को चैटिंग के लिये invitation भेजा है…
श्रीश जी, आप, रवि जी, जीतू भाई आदि लोगों के चिट्ठे पढकर काफ़ी कुछ सीखने को मिलता है… चूँकि चिट्ठा जगत में मै नया-नया हूँ, इसलिये आप जैसे लोगों के चिट्ठे पढकर सीखने की कोशिश करता हूँ… कुछ मामलों मे मैने व्यक्तिगत मेल भेजकर मदद माँगी थी जो कि मुझे त्वरित मिली… इससे साबित होता है कि चिट्ठा जगत के दिग्गज लोग नये-नवेलों की मदद को सदैव तत्पर रहते हैं… आपसे भी व्यक्तिगत सम्पर्क की आशा में… एक बार पुनः साधुवाद इस उम्दा सकारात्मक चिट्ठे के लिये….
समय मिले तो सम्पर्क करें… suresh.chiplunkar@gmail.com
दीपक said
यह लेख आधुनिक जगत के लिये बहुत ही प्रेरणादायक है..यह कहना अतिशय यथोचित होगा कि स्त्रियो के योगदान से सुद्रुढ समाज की “कल्पना” जरूर कर सकते है….
सागर भाई सदैव ही एक सुन्दर समाज के निर्माण के लिए तत्पर रहते है.. आशा है उनका यह साहसी कदम अनुकूल हो.. साधुवाद………
संजय बेंगाणी said
श्यामजी की लगन की तथा कल्पनाजी के सहयोग की प्रसंशा करनी पड़ेगी.
खबर हम तक पहूँचाने के लिए साधूवाद.
राजीव said
सागर जी, अति प्रेरणा दायी सूचना देने का धन्यवाद!
समीर लाल said
पढ़कर बहुत अच्छा लगा. यह समाचार पहुँचाने के लिये साधुवाद.
Pankaj Bengani said
ये हुई ना बात! वाह!! खबर देने के लिए धन्यवाद.