॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

होली

Posted by सागर नाहर पर 4, मार्च 2007

होली, रंगों का  त्यौहार तो  यह है ही साथ ही भारत का एक मात्र ऐसा त्यौहार है जो खर्च की दृष्टी में शायद सबसे सस्ता है। ना नये कपड़े सिलवाने का झंझट ना कुछ और; हमेशा अप टू डेट रहनेवाले हमारे जीतू भाई, फ़ुरसतिया जी और समीर लाल जी  भी आज भाभीजी से कह कर सबसे पुराने कपड़े निकलवा कर पहने लेते हैं मानो किसी फैंसी ड्रेस कम्पीटीशन में जा रहे हों और उसका प्रथम पुरस्कार पुराने कपड़े पहनने वालों को ही मिलेगा। 🙂

खैर आप सब को होली की बहुत बहुत शुभकामनायें।

11 Responses to “होली”

  1. Please join with us on 5-3-07 against the palgiarism of Yahoo India.
    http://copyrightviolations.blogspot.com/2007/02/march-5th-2007-blog-event-against.html

  2. नाहरजी,

    आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें । ज्यादा पुराने कपडे निकाल कर पहननें में एक कष्ट भी है । कहीं पुरानी पतलून वर्तमान अवस्था की तोंद को काबू कर पाने में असफ़ल रही तो होली के हुल्लड में कुछ गडबड भी हो सकती है 🙂

  3. आपको एक राज की बात बताता हूँ। मुझे जो पैन्ट, शर्ट या कुर्ता पजामा पसन्द नही आता, उसे मै कुछ दिनो के लिए छिपा लेता हूँ, होली के दिन अचानक, निकालकर पहन लेता हूँ। श्रीमती को जब तक पता चलता है, तब तक को मिर्जा और छुट्टन उसको इतना रंग चुका होता है कि पहचानना मुश्किल होता है।

    आप भी अपनाना, (जूते अपने रिस्क पर खाना)

    बुरा ना मानो, होली है।
    आपको और आपके परिवार को मेरी, मिर्जा, छुट्टन, बऊवा और किरकिट स्वामी की तरफ़ से होली की बधाईया।

  4. हार्दिक शुभकामनाऐ

  5. पुराने कपड़ों वाली थ्योरी एकदम सही है जी। 🙂

  6. होली मुबारक आप सबको। 😛

  7. यार, पुराने कपड़े पहने बैठे ही रह गये, कोई रंग ही नहीं लगाया. अब उसे अगले साल के लिये रख दिया है अगर हमारी साईज बरकरार रही, तो शायद अगले साल कोई रंग लगा दे!! 🙂

    होली की बहुत शुभकामनायें और मुबारकबाद!! 🙂

  8. आपको भी होली की शुभकामनाएँ ।
    घुघूती बासूती

  9. संजय बेंगाणी said

    आपको भी ढ़ेर सारी बधाई. पुराने कपड़े पहनने का भी अपना एक आनन्द है. शारीरिक जमा-खर्च भी सामने आ जाता है 🙂

  10. आपको भी होली की शुभकामनाएँ ।

  11. sushmakaul said

    आपका लेख मजेदार लगा।

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