॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

अपने चिट्ठे का फेविकोन बनाईये

Posted by सागर नाहर on 5, दिसम्बर 2007

कल फेविकोन पर पोस्ट लिखते ही कुछ ही देर में तो जीतू भाई और पर्यानाद जी ने अपनी टिप्पणीयों में फेविकोन बनाने के अलग अलग तरीके सुझा दिये, और उन तरीकों के आधार पर ज्ञानजी ने आनन फानन में अपने चिट्ठे पर “ज्ञ” लिख भी दिया।

मुझे लगता है कि मैं जो तरीका यहाँ बता रहा हूँ वह सबसे आसान है-

चलिये शुरु करते हैं

सबसे पहले माई फावतार पर जाकर लोगिन कर लें, संभव हो तो यूजर आई डी अंग्रेजी में और छोटा रखें

अब अपने पसंदीदा फोटो को यहाँ (फावतार पर) अपलोड कर दें और वापस आ जायें।

अब नीचे दिये शब्द Favicon,txt पर राइट किल्क कर फाइल को अपने कम्प्यूटर पर सेव कर लें।

favicon-code.txt

कोड में जहाँ nahar7772 लिखा हुआ है उसे हटा कर अपना यूजर आई डी लिख दें।

अब ब्लॉगर के डेशबोर्ड में जाकर Edit HTML में उपर से कुछ लाईनें छोड़कर देखिये <head> शब्द लिखा दिखेगा

head शब्द के नीचे आपके यूजर आईडी वाला कोड पेस्ट कर दें

प्रीव्यू देख लें, एड्रेस बार में आपका पसंदीदा चित्र दिखने लगा है, अब Save करें।

अब आराम से साम्यवादी विचारधारा वाले मित्र हंसिया हथौड़ा या लाल झंडा , हिन्दूत्व विचारधारा वाले केसरिया झंडा और ज्ञानदत्तजी रेल का इंजिन अपने चिट्ठे में जोड़ सकते हैं। 🙂

बस और फटाफट नया चिट्ठा लिख कर सबको जानकारी दें 🙂

यह पोस्ट नये सुधारों के सा्थ यहाँ पर भी उपलब्ध  है

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12 Responses to “अपने चिट्ठे का फेविकोन बनाईये”

  1. mamta said

    दिलचस्प जानकारी है।

  2. pryas said

    but it is not working in wordpress.
    favicon-code.txt ka code hai:

    aap likhte hain ki “कोड में जहाँ nahar7772 लिखा हुआ है उसे हटा कर अपना यूजर आई डी लिख दें।”

    lekin is code main yahan nahar7772 hai kahan.

    doosri baat: wordpress html ki jagah CSS edit karne deta hai. Fir code html main kaise jayega.

    Kripya madad karen.
    @ माफ कीजिये, इसमें nahar7772 की बजाय NAHAR लिखा है, और दूसरी बात यह वर्डप्रेस.कॉम में सपोर्ट नहीं करता।

  3. sanjay said

    लो नाहर भाई इनके साथ लोचा हो गया… अब मदद करो भाई की. जानकारी अच्‍छी दी.

  4. अच्छी जानकारी। आसान भी लगती है। परंतु ये फ़ेविकोन कहाँ दिखाई देते हैं। मुझे ज्ञानजी की चिट्ठे पर ‘ज्ञ’ कहीं नज़र नहीं आया।

  5. अब ’ज्ञ’ की बजाय पूरा ’ज्ञा” ठेल दिया है। ज्ञ तो प्रयोगात्मक था।

  6. अब ’ज्ञ’ की बजाय पूरा ’ज्ञान’ ठेल दिया है। ’ज्ञ’ तो प्रयोगात्मक था।

  7. नया आइ.ई भी फैविकोन दिखाने लगा है, मजेदार रहेगा.

  8. Amit said

    नया आइ.ई भी फैविकोन दिखाने लगा है, मजेदार रहेगा.

    वह तो IE5.5 और IE6 भी दिखाते हैं और शुरु से दिखाते आ रहे हैं!! 😉

  9. 🙂 उपयोगी जानकारी… लगे रहो भाईसा!

  10. सागरचंद जी
    आपका धन्यवाद, जैसा आपने कहा मैंने किया है. आपने यह जानकारी दी इसके लिए धन्यवाद
    दीपक भारतदीप

  11. Nahi hua 😦

  12. Ho gaya hai sir dhanyawaad

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