॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

मक्काई का हलवा: एक अनाड़ी रसोईये की स्वीट रेसेपी

Posted by सागर नाहर on 4, अक्टूबर 2009

अनाड़ी इसलिए लिखा कि आप सब मेरे पाक कला ज्ञान से अच्छी तरह से वाकिफ़ है। मेरे बनाए खाने का क्या-क्या हाल हुआ। लेकिन इन गर्मियों की छुट्टियों में लगन से खाना बनाना सीखा और सब्जी-रोटी बिना किसी गलती के एकदम सही बनाई भी।

पिछले दिनों फेसबुक पर मैने अपने हाथों से बनाए मक्‍के के हल्वे का फोटो लगाया तो   बहुत से मित्रों ने उसकी रेसेपी पूछी, तो मैं आज आप सभी के लिए मक्‍काई का हल्वा बनाने की विधी पेश कर रहा हूँ। इस  स्वादिष्‍ट हलवे को राजस्थानी में “जाजर्यो/ जाजरियो” कहते हैं।


बनाने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:
मक्‍काई का हल्वा बनाने के लिए अन्य मिठाईयों की तुलना में अधिक मेहनत और समय लगता है।

सामग्री:
6 हरे और कोमल दानों वाले देशी ( स्वीट कोर्न नहीं) भुट्टे, जिनके दानों को नाखुन से दबाने पर दूध निकलता हो।
शुद्ध घी 200 ग्राम, शक्कर 200 ग्राम ( स्वादानुसार कम या ज्यादा की जा सकती है)
काजू, किशमिश और अपने मनपसन्द कटे हुए सूखे मेवे 1 कप, 1 लीटर पानी

बनाने से पहले की तैयारी।
भुट्टों को छील लें और ध्यान रखें कि उसमें भुट्टे की मूछें (बाल) ना रहने पाये
भुट्टों को छलनी या किसनी पर किस लें, ध्यान रखें कि मक्की के छिलके किसते नीचे ना जायें वैसे छिलका ऊपर जाली में रह जाता है, उसे निकालते जायें और फेंक दे।

विधी:

  • एक मोटे पैंदें वाली कड़ाही में घी तेज गर्म करें जब घी अच्छी तरह गर्म हो जाये किसी हुई मक्‍का को घी में डाल दें और चम्मच या खुरपे से हिलाते जाएं। इस दौरान गैस की आँच एकदम धीमी रखें, आपको कम से कम 45-50 मिनिट तक इसे हिलाते रहना पड़ेगा, हिलाते समय चम्मच बिल्कुल रुके नहीं वर्ना हल्वा चिपक जायेगा और जल जायेगा। चित्र क्रमांक 1-2
  • अब इसमें से पानी उड़ जायेगा और घी भी गायब हो जायेगा और यह एकदम सूख जायेगा मानों आप मक्की की सूजी को भून रहे हों। इस समय तेज खुशबु भी आने लगेगी। पदार्थ का रंग लाल होने लगेगा, अभी कुछ देर और सेकें। चित्र-3
  • अब दूसरे गैस पर पानी गर्म करें,  पानी उबलने  तक गर्म करें चित्र-6
  • पहले वाले गैस पर हलवा एकदम लाल होने लगे (चित्र-4) ध्यान रखें कि जल कर काला ना हो जाये,  तब खौलता हुआ गर्म पानी उसमें सावधानी से डाल दें, और अब धीरे धीरे हिलाएं लेकिन रुके नहीं वर्ना गांठे पड़ जायेंगी।चित्र-5
  • कुछ देर में पानी उड़ने लगेगा अब आप इसमें सूखे मेवे डाल दें, और हिलाते रहें। चित्र 7
  •  जब पानी एकदम उड़ जाये आप इसमें चीनी डाल दें। चित्र 8-9
  • कुछ देर और हिलायें जब शक्कार घुल जायेगी वापस अपने आप घी दिखने लगेगा। अगर आपको यहाँ घी कम दिखता है तो और अगर आपका स्वास्थय इजाजत दे तो थोड़ा घी और डालें। चित्र 10-11-12
  • बस हल्वा तैयार है, गर्मा-गर्म परोसें और सूखे मेवों की सजावट करें और खाएं। यह गर्म तो स्वादिष्‍ट लगता है ही, ठंडा होने पर भी अच्छा लगता है। चित्र 13
  •  

    यहाँ भी दाल रोटी चावल

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20 Responses to “मक्काई का हलवा: एक अनाड़ी रसोईये की स्वीट रेसेपी”

  1. Basant jain said

    Mene kal hi khaya tha.

  2. Basant jain said

    ये अनाडी रसोईया है कौन ?

  3. kavita said

    manana padega sagarji koshish karne valon ki har nahi hoti…aapki pak kal ki sari post padhi aur isme kitana sudhar aaya hai vo bhi dekha..photo laga kar aapne ye bhi bata diya ki ye mangadhant nahi hai….badiya lage rahiye ..aage aur bhi swadisht recipes ka intejar rahega.

  4. Basant jain said

    भाभी की मदद लेते हो और अपने आप को शेफ कहते हो ईमानदार कहीँ के 🙂

  5. सौ. निर्मला बहुरानी व सागर नाहर भाई स ‘सा आप व परिवार के सब सदा मुस्कुराते रहें और स्वस्थ व सानन्द रहें
    मक्की का हलवा मेहनत से ही बन पायेगा
    ये बात साफ़ है
    परंतु स्वाद भी यादगार ही बनेगा ये भी जानती हूँ
    अब कोशिश करेंगें और आपको याद करेंगे
    सस्नेह आशिष सहित
    – लावण्या

  6. banaanaa mushkil lag rahaa hai..yeh anaari banaa rahaa hai toh expert kya banaataa hoga ji

  7. सागर भाई,

    रेसीपी आपकी बहु को दिखा डी है, अब देखते है कि कब खाने मिलेगा ! पसंद नहीं आयी तो दोष सागर भाई का, अच्छी लगी तो ……. 🙂

  8. dipak said

    jhoot mat boliye ki ye puri ki puri aapne bana daali, ism jyada haath bhabhi ji ka tha. Mujhe pata hai. Agar aapne khud se banaya tha to kal mai aa raha hu chakhne ke liye…

  9. क्या बात है सागर भाई, आप तो गजब का पकाने लगे. बहुत स्वादिष्ट दिख रहा है.
    घुघूतीबासूती

  10. बड़े भईया सच कहूँ तो यकिन नहीं होता, अभी दो साल पहली आप रोटी नहीं बना सकते थे और आज मक्के का हलवा बना रहे हैं, अभी बालुशाही की रेसिपी भी डालिए।
    हां हम ना मक्के के आटा का हलवा जरूर बनाते हैं, दानो का हलवा तो कभी नाम भी नहीं सुना… पर किसी दिन छुट्टी हो तो इसे भी जरूर बनाएँगे।

    • सच गरिमा,
      मुझे भी विश्वास नहीं हो रहा, लेकिन सच में जब पूरे लगन से किया तो बहुत आसानी से होने लगा। बालूशाही में भी सिर्फ चाशनी ही निर्मलाजी ने बनाई थी बाकी सब कुछ मैने किया और एकदम सही हुआ।

  11. Shrish said

    हम्म तो आजकल भाभी जी को खुश किया जा रहा है। ठीक है जी, लगे रहो सागर भाई।

  12. पूरी तपस्या है तब भगवान मिलेंगे 🙂

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