दस्तक ने किए चार साल पूरे
Posted by सागर नाहर on 12, अप्रैल 2010
पिछले महीने की बारह तारीख को दस्तक ने हिन्दी चिट्ठा जगत में अपने चार साल पूरे कर लिये। पोस्ट दस तारीख को ही लिख ली पर हमेशा की तरह आलस के चलते आज एक महीने बाद पोस्ट कर रहा हूं।
दस्तक चिट्ठा ने आज अपने चार साल पूरे कर लिये, यानि आज इस चिट्ठे की पाँचवी वर्षगांठ है। पिछले पांच सालों में कई नये मित्र बने। आलस के मारे चिट्ठा लिखन कम हुआ तो धीरे धीरे दोस्त भी कम होने लगे। फिर भी कई ऐसे मित्र हैं जिनसे आज भी नियमित सम्पर्क बना रहता है।
पिछले दो सालों में कई चिट्ठाकरों से प्रत्यक्ष मिलने और उनसे बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, उनमें से कुछ नाम है, रवि रतलामी जी, यूनुस खान जी, रेडियो सखी ममताजी, अफलातून जी, डॉ रमा द्विवेदीजी, डॉ कविता वाचनक्कवी जी, शैलेष भारतवासीजी, रंजनजी मोहनोत, रेडियो प्रेमी पियुष भाई मेहता और टी पवनजी।
एक और खास मित्र से मुलाकात हुई उनका नाम है श्रीनिवास जी घंटी। श्रीनिवास जी हिन्दी फिल्मों के चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया हैं। लगभग हर फिल्म के गाने के बारे में पूरी जानकारी उन्हें मुखजबानी याद है। कई गीतों के बोल (Lyrics) आपने गीतायन पर चढ़ाये हैं। कुछ और भी मित्रों के नाम मैं अभी भूल रहा हूँ।
इन मित्रों के अलावा लवली गोस्वामी, गरिमा, कविता वर्मा जी, रचना जी, अनुराग अन्वेषीजी,इरफान जी, पारूलजी, मीतजी, आदि से अक्सर गूगल चैट पर बातें होती रहती है।
इन चार सालों में साथ और स्नेह देने के लिये आप सब मित्रों और पाठकों का हार्दिक धन्यवाद।
yunus said
मुबारक हो सागर भाई। आलस त्यागिये और फटाफट लिखना शुरू कीजिए। ये अच्छी बात नहीं है।
परमजीत बाली said
बहुत बहुत बधाई हो।शुभकामनाएं।
ePandit said
Congrats on completing four years in blogosphere Sagar bhai. Old good days of blogging push us in nostelegia. Hope frequent writing from your side.
Jitu said
सागर भाई,
दस्तक के चार साल पूरे होने पर बहुत बहुत बधाई।
दादा, अब तो अपना टेम्पलेट बदल लो, और चार साल हो गए है, अपने डोमेन पर शिफ़्ट हो जाओ अब।
भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ।
सुरेश चिपलूनकर said
इतना आलस अच्छा नहीं है… शुभकामनाएं तो दे रहे हैं… लेकिन आगे से ध्यान रखियेगा… 🙂
संजय बेंगाणी said
बधाई हो जी.
टंकी पर भी चढ़े थे, इसका उल्लेख भी होना चाहिए 🙂
shekhar kumawat said
BADHAI HO AAP SAB KO
NICE
http://kavyawani.blogspot.com/
SHEKHAR KUMAWAT
anurag anveshi said
जारी रहे यह सफर भाईजान
ghughutibasuti said
यूनुस जी से सहमत। चलिए फिर से लगिए लिखने में।
घुघूती बासूती
archana chaoji said
बधाई स्वीकारें………..
अफ़लातून said
प्रेमी मित्र सागर को दस्तक की वर्षगाँठ पर हार्दिक शुभ कामना। ’दस्तक’ की एक वर्षगाँठ पर मैंने दुष्यन्त को याद किया था-
दस्तकों का अब किवाड़ों पर असर होगा जरूर,
हर हथेली ख़ून से तर,और ज्यादा बेक़रार ।
समीर लाल said
बहुत बधाई हो. काश, हम भी आपसे गुगल पर चैट किये होते. 🙂
kavita said
sagarji dastak ke 4 varsh poore hone par hardik shubhkamnaye.aapne likhana kam kar diya ye achchha nahi laga aap se prerna lekar to ham jaise nousikhiye is line me aaye hai.aap se bahut margdarshan mila hai likhane ke liye, aur blog banane ke liye.aap isi tarah varsh-dar-varsh likhte rahe ,aur ha aap se jo durlabh geeton ka sangrah yada-kada milata rahata hai uske bare me likhane ke liye shabd nahi hai meri shubhkamnaye,
aradhana said
बधाई हो सागर जी. आपके ब्लॉग पर कई बार आ चुकी हूँ, पर टिप्पणी पहली बार कर रही हूँ. आशा है आप अपना ‘आलस्त्व’ त्याग कर नियमित हो जायेंगे.
aradhana said
और एक बात, मैं घर में बड़ी नहीं, दूसरे नम्बर की हूँ. मैं खुशकिस्मत भी नहीं…क्योंकि मेरी माँ का देहांत तभी हो गया था, जब मैं चौदह साल की होने वाली थी और तीन साल पहले पिताजी का.
संगीता पुरी said
बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
पंकज उपाध्याय said
समीर जी जैसा हम भी सोच रहे है 🙂 बहुत बहुत बधाई हो..
उन्मुक्त said
बधाई। नियमित लिखना शुरू करें।
पियुष महेता-सुरत-395001. said
प्रिय मित्र श्री सागरभाई,
मूझे याद फरमाने के लिये धन्यवाद और दस्तक की चार साल की सफ़र और लोकप्रियता के लिये बधाई । वैसे अगर रेडियोवाणी और रेडियोनामा पर रेडियो द्वारा परिचीत श्री युनूसभाई अगर मूझे बताते नहीं तो शायद ब्लोग विश्वसे मेरा परिचय शायद नहीं होता या देरी से होता और संवादाता कमल शर्माजी और आप नहीं होते तो मैं शायद ही ब्लोग लेख़क बनता । आप तीनोंनें मूझे अपनी ऋची और कुछ: हद तक काबिलीयत का क्षेत्र उपलब्ध करवाया और कुछ हद तक़ मेरी पहचान बढाई और कुछ लोगो से सिर्फ़ पहचान ही थी वह मित्रतामें परिवर्तीत हुई ।
मेरी कुछ मर्यादाओं के कारण आप अपने व्यवसाय से जूड़ कर भी और इतनी मुसाफ़री करते हुए भी ब्लोगींगमें इतने आगे आये और नाम और इनाम भी पाया वह मैं निवृती में भी नहीं कर सका, यह सच तो स्वीकार करना ही होगा । पर आपके प्रेम के लिये फ़िर घन्यवाद ।
पियुष महेता ।
सुरत ।
ज्ञान दत्त पाण्डेय said
आपका तकनीकी दस्तक बड़े काम का है। वहां कभी कभी जाना पड़ता है।
ramadwivedi said
सागर जी,
‘दस्तक’ के चार वर्ष पूरे होने पर ढ़ेर सारी हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ ….परन्तु अफ़सोस भी हुआ कि आप व्यस्तता के चलते लिखना कम कर दिया जो कि अच्छी बात नहीं हैं ….इसलिए अब आलस्य छोड़ कर जल्दी से लिखना शुरु कर दीजिए क्योंकि ज़िन्दगी में दस्तकों की विशेष दरकार है।अगर ब्लाग जगत के आप जैसे लिखने वाले लोग ही ब्लाग लिखना छोड़ देंगे तो हम जैसे लोग कहाँ जाएंगे….हम सबके प्रेरणा श्रोत बने रहिए। इस शुभ अवसर पर मुझे स्मरण करने के लिए हार्दिक आभार….सस्नेह..
डा.रमा द्विवेदी
अतुल शर्मा said
कुछ और भी मित्रों के नाम मैं अभी भूल रहा हूँ।
बिलकुल ठीक। अरे भई, हमने भी आलस के मारे ही तो चैट, टिप्पणी वगैरह नहीं की।
Sanjay Kareer said
बहुत बहुत बधाई सागर जी। मैं भी इस सफर का साथी हूं अलबत्ता टिप्पणी लिखने में हमेशा आलसी रहता हूं.. आलसी ब्लॉगर का असर है … 🙂
Mita Bhojak said
बहोत बहोत बधाई और शुभकामनाएं दस्तक के चार साल पूरे होने की. आपके ब्लोग का परिचय ‘कुरुक्षेत्रमें’ आपके दिए गये कमेन्टसे हुआ. आपके चिट्ठाजगतको पढके अच्छा लगा. थोडा ही पढा है.
Bhupendrasinh Raol said
बहुत बधाई|चार साल में अच्छा खासा नाम कमाया है|नाहर साब आप को मेरे ब्लॉग की नई लिंक देनी है|मैंने कुछ बदलाव किये है|आपकी सलाह से मैंने ब्लोग्वानी में सदस्यता ले ली है|कुरुक्षेत्र हिंदी की लिंक है,
htt://brsinhji11.wordpress.com/
Bhupendrasinh Raol said
I did some mistake.http://brsinhji11.wordpress.com/ is correct.
अनूप शुक्ल said
अब फ़िर से बधाई ! लौट कर आये यहां! 🙂
sanjeev K said
दस्तक पढने मैं बहुत अछा लगता है .एक शिकायत है की पोस्ट जल्दी जल्दी नहीं आते .