एक्शन रिप्ले..
Posted by सागर नाहर on 9, जुलाई 2011
पिछली पोस्ट में आपने ऐषा दादावाला की कविताएं पढ़ी। उन कविताओं ने कईयों को रुला दिया। कुछ लोगों ने मेल, और चैट में बताया कि कविता पढ़ने के बाद वे रो पड़े। मैं आज ऐषा की एक और कविता का अनुवाद आपके लिए पोस्ट कर रहा हूँ। आशा करता हूँ कि पिछली पोस्ट की तरह यह कविता भी आपको बहुत पसन्द आएगी।
एक्शन रिप्ले-
आज
घर-घर के खेल में
वह पापा बना!
और सचमुच के पापा जैसे
मम्मी की तरफ
आँखों को लाल कर देखा
मम्मी हर बार की तरह
धीमी आवाज़ में बोली
“कम से कम बच्चों की मौजूदगी में तो….”
और फिर पापा की आवाज़
रोज से और तेज हो गई
और फिर
थोड़ी बहस- थोड़ी……
मम्मी की सिसकियाँ
और फिर
ठीक उसी दिन की तरह
पापा के आँखों की लाल लकीरें
मम्मी के गाल पर बन आई…!
और पापा बने बच्चे ने
कोने में पड़े,
खिलौने के बर्तनों के ढ़ेर को
जम कर लात लगाई
और घर से बाहर निकल गया
और दुपट्टे से बनी, साड़ी में लिपटी,
मम्मी बनी बच्ची
अपनी मम्मी की ही तरह
अपने बिखरे बालों और
बिखरे घर को समेटने में जुट गई
मूल कविता: एषा दादा वाला એક્શ્ન રિપ્લે…
गुजराती से हिन्दी में अनुवाद: सागर चन्द नाहर
Nidhi said
Sundar!
archana said
बहुत ही सामान्य सी बात —-मगर एक संदेश देती …अनुवाद भी बहुत अच्छा हुआ है..शुक्रिया एषा की कविता हम तक पहुँचाने के लिए…
मम्मी हर बार की तरह
धीमी आज में बोली…
(इसमे आज को आवाज़ कर लिजिये)
Sanjay said
…. और इस कमेंट में लिखे लिजिए को लीजिए पढि़एगा…
Archana said
हाँ ,मैनें भी सुधार लिया | शुक्रिया …
गरिमा said
बड़े भईया, एषा दादा वाला की पहली अनुवादित कवितायें रूला गयी थीं, पर इससे तो, आप जानते हैं, मै क्या कहना चाहती हूँ।
अब एक रीवीव तमन्ना पर लिख डालियेगा, यहा भी इसलिये लिख रही हूँ ताकि आप भूले नहीं।
आपकी
गरिमा
काजल कुमार said
सुंदर रचना पढ़वाने के लिए आभार
Lavanya Shah said
so sad but true for some
Sunil 'Badal' said
Excellent. We are like the mummy who manage transmission.
tulika sharma said
and who is papa ha…. ha….
kavita said
bachche badon ke vyavhar ke sookshm nirikshak hote hai…bahut vicharniy ai ye kavita badon ke liye unke vyavhar ke liye…
sangeeta swarup said
घर की सच्चाई को कहती अच्छी प्रस्तुति ..अनुवाद बहुत अच्छा लगा
सुनीता शानू said
आपकी पोस्ट की चर्चा कृपया यहाँ पढे नई पुरानी हलचल मेरा प्रथम प्रयास
बसंत जैन said
बहुत ही खुबसूरत भावोँ के साथ सुंदर अनुवाद
Rajeev Upadhyay said
I must say it outstanding. Nice translation. Please keep translating and giving back to people like me and others
Rajeev Upadhyay said
bahut achchha likha hai aapne