॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

भगवान बचाये इस टाटा इन्डिकॉम से!

Posted by सागर नाहर पर 28, फ़रवरी 2007

अमित जी ने अपने साथ हुई ज्यादती के बारे में बताया कि किस तरह आईडिया कंपनी वालों ने उनको सताया, बिल्कुल यही राम कहानी पिछले दिनों पहले मेरे साथ हुई।

 दिसम्बर महीने के अंतिम दिनों में  मैने टाटा का इन्डीकॉम फोन का कनेक्शन लिया और २९ दिसम्बर  जनवरी को मुझे अपना पहल बिल मिला राशि  थी मात्र 157/- रुपये। अगले दिन ३० जनवरी को कंपनी से फोन आया और वही सवाल पूछा गया जो अमित जी से पूछा गया  यानि कि मैं अपने बिल का पैसा कब जमा करवा रहा हूँ? मैने पूछा भाई मेरे बिल की आखिरी तारीख क्या है? उसने बताया ९ फरवरी। मैने कहा जब मेरे बिल की आखिरी तारीख ९ को है तो मैं जमा करवा दूंगा उससे पहले, और अगर नहीं करवाता हूँ तो आप पेनल्टी ले सकते हो या कनेक्शन काट सकते हो, पर यह कैसे पूछ सकते हो कि मैं अपना बिल जमा कब करवा रहा हूँ? ऑपरेटर ने माफी मांगी और बात घुमा फिरा कर फिर वहीं ले आया और दो तीन बार पूछ लिया कि  मैं अपना बिल कब जमा करवा…… अमित जी संयमी है गाली उन्होने मन में ही दी पर मुझ से रहा नहीं गया और फोन पर दो चार गाली सुना दी तो उसने फोन काट दिया।

मैं  अपने कॉफे पर अकेला ही रहता हूँ सो किसी कारण से ७ फरवरी तक बिल जमा नहीं  करवा पाया और इस बीच कंपनी के लगभग रोजाना फोन आते रहे और वही सवाल पूछा जाता रहा कि मैं अपना बिल कब…….। इस बार मुझसे रहा नहीं गया और कंपनी में फोन किया कि भाई मुझे 157/- रुपये के लिये इतना परेशान कियाजा रहा है और मैं अगर मेरी क्रेडिट लिमिट यानि 2500/-  का बिल कर देता  तो आप मेरे घर के बाहर आदमी बिठवा देते वसूली के लिये!! तो मुझे जवाब मिला कि हम आपके अकाऊंट में नोट लगा देते हैं कि आगे से आपको कोई बिल मिलने के अलावा फोन ना करे;  पर ये कब सुधरने वाले थे।

८ फरवरी  को दोपहर कॉफे बन्द कर बिल जमा करवा कर  आया तो कंपनी से फोन आया कि आपका बिल जमा हो गया है, धन्यवाद। मैने राहत की उसी तरह साँस ली जैसी अमित जी ने ली होगी। पर हाय रे किस्मत  एक और फोन आना अभी बाकी था।

९ फरवरी को सुबह दुकान खोलते ही टाटा कंपनी से एक और फोन आया जिसमें  महिला  ऑपरेटर का कहना था  कि आज आपकी आखिरी तारीख है और आपने अभी तक बिल जमा नहीं करवाया है, आप बिल जल्दी जमा करवाईये वरना आपका कनेक्शन काट दिया जायेगा, ………………… आप अंदाज लगाईये उस वक्त मेरी क्या हालत हुई होगी? 😦

पुनश्च: यह लिखते समय आज फरवरी माह का बिल पाँचवी बार मिला है( पहला तीन दिन पहले मिल गया था) । देखते हैं इस बार क्या होता है।

11 Responses to “भगवान बचाये इस टाटा इन्डिकॉम से!”

  1. Amit said

    अरे भाई सीधा सा तरीका प्रयोग करके देखो। अब यदि उनका फोन आए तो पूर्णतया असभ्य बन २ गालियाँ सुनाओ(४ पर तो वो फोन बन्द कर देगा/देगी) और धमकी दो कि अब यदि ऐसा फोन आया तो आप कनेक्शन कटवा लोगे!! उसके बाद २ गालियाँ और सुनाओ!!

    यह तरीका प्रयोग करके देखो क्या होता है!! 😉

  2. बताना!! फिर आगे क्या हुआ! 😉

  3. अरे भैय्या, मैने जमाना हुआ टाटा इंडिकाम का कनेक्शन कटवा दिया है, सब चुकारा कर दिया है फिर भी फोने पे फोने आते ही रहता है कि आपका बकाया है, हर बार मैं उन्हें फोन पे हड़काते ही रहता हूं फिर भी फोन करने से बाज़ नही आते।

  4. भगवान बेचारा कैसे बचायेगा! वो तो कहो भगवान के पास कोई फोन लाइन नहीं है वर्ना वह भी परेशान हो जाता फोन अटेंड करते-करते! 🙂

  5. Shrish said

    हाँ जी करके देखो अमित वाला फॉर्मूला। फिलहाल तो हम बीएसएनएललैंडलाइन में खुश हैं। आगे कभी लगवाना पड़ा कोई और फोन तो आपका अनुभव काम आएगा।

    और हाँ, बताना!! फिर आगे क्या हुआ! 😉

  6. मुझे अमित के सुझाव में बताई गई सावधानी विशेष रूप से अच्छी लगी। बहुत सूक्ष्म रूप से उन्होंने समझा है समस्या और निदान को। 😉

  7. pankaj bengani said

    टाटा विएसएनएल की सर्विस वाकई मे बेकार है भाईसा..

    हमने तो थक हार कर एयरटेल ब्रोडबेंड ले लिया है, और अब सुख शांति है…

  8. संजय बेंगाणी said

    ऐसा हम सबके साथ होता है, इसलिए पढ़ कर हँसी भी आती है, और दुःख भी होता है.

    इन दिनो पेमेंट के अलावा एक और कारण से फोन आते है, “आप किस भाषा में बात करना चाहेंगे”. मैं हजार बार दर्ज करवा चुका हूँ की “हिन्दी में करना चाहुंगा”.
    “इसके अलावा, सर”
    “गुजराती में” (मुए अंग्रेजी में सुनना पसन्द करते शायद. इसलिए बार बार पुछ रहे है)

    “जी धन्यवाद..आपका दिन…”

    फिर वही सिलसिला. 😦

  9. manya said

    ab kya karna chahiye ye to sabne bata hi diya hai.. par mujhe aapka naubhaw padhana achcha laga.. aur sahaanubhti bhi hai .. sabke jawaab bhi rochak hain.. jo kaam bhi aayenge.. bas shayad thodi gaaliyan seekhani padengi.. :)..

  10. […] any other; they are all involved in pushing the tele-marketing to the limit of driving people mad! Sagar also shared his horrible experience with the customer service of his ISP, Tata Indicom and I can […]

  11. बताना!! फिर आगे क्या हुआ!

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