आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के दुखद: निधन के बाद कल आश्चर्यजनक रूप से सभी गणेश मंडलों ने गणेशजी की प्रतिमाओं का वसर्जन एकदम सादगी से किया। पिछले वर्षों में प्रतिमाऒं के साथ अनेक लोक कलाकार अगल- अलग वेशभूषाओं में अपनी अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. लेकिन कल सड़कों पर एक्का दुक्का ही गाड़ियां दिखाई दे रही थी। सिकन्दराबाद में पांच साल रहते हो गये लेकिन पहली बार पैटनी चौराहे और अन्य रास्तों को को 70-80 की स्पीड से क्रोस किया जबकि आम दिनों में 30 की गति से भी इस चौराहे को पार करना मुश्किल होता है।
गणेश प्रतिमाओ के ले जारहे वाहनों पर/ के साथ पहली बार ना तो लाईट्स (हेलोजन) थी ना ही ढ़ोल- नगाड़े! लगभग हरेक वाहन पर सबसे आगे स्व. रेड्डी का आदमकद फोटो लगा हुआ था।
कल स्थानीय केबल ओपरेटरों ने भी समाचार चैनलों को छॊड़कर सभी मनोरंजन के चैनल को बंद कर दिया। तेलुगु के अलावा हिन्दी में मात्र स्टार न्यूज और अंग्रेजी में मात्र NDTV के अलावा सभी चैनलों को बंद कर दिया जिन्हें स्व. मुख्यमंत्री के अंतिम संस्कार के बाद ही चालू किये जायेंगे।
तेलुगु चैनलों पर हेलिकॉप्टर के अलावा पांचों के शरीरों का जो हाल बताया वह दहला देने वाला था, स्थानीय लोग हाथों में उन शरीरों के अलग अलग अवशेष पकड़ कर ला रहे थे, किसी के हाठ में किसी शव का हाथ था तो किसी के हाथ में एक मास का लोथड़ा! बाद में उन्हें एक पोटली में बांध कर उपर उड़ रहे हेलिकॉप्टर में चढ़ाना पड़ा। भगवान इतनी ह्रदयविदारक मौत किसीको ना दे!
यह पंक्तिया लिखते समय कॉंग्रेस के कार्यकर्ता दुकान बंद करने का आग्रह (धमकी) कर रहे हैं। सो आगे लिख कर केफे का काँच फुड़वाने की बजाय घर ही जाना उचित होगा।
राम राम।
डॉ राजशेखर रेड्डी को हार्दिक श्रद्धान्जली।
फोटो गूगल से साभार।