॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

बेचारे पति!

Posted by सागर नाहर पर 31, अगस्त 2006

पिछले दिनों निधि जी ने अपने चिट्ठे गोरी का पति गोरिल्ला में बताया कि पत्नियों को अपने पति को इन्सान बनाने के लिये उन्हें गढ़ने और छीलने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है” यह पढ़ कर हम भी तैश में आ गये और टिप्पणी लिख दी कि

क्या पतियों को कम मशक्कत करनी पड़ती है? अगर हम भी विवरण लिखनें लगें तो…..!! “

निधि जी कहाँ रुकने वाली थीं उन्होने भी चुनौती दे दी कि

जी शौक़ से लिखिये। हमने कब रोका? अपनी मेहनत का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना चाहते हैं, अवश्य करिये। लेखिका नें नहीं कहा कि पत्नियाँ सर्व-गुण-संपन्न होती हैं।

और फ़ैसला भी अपने पक्ष में करवा लिया!! 😦

निधि जी की चुनौती के जवाब में तो नहीं पर निधि जी को यह बताने की कोशिश करी है की पति कितने मासूम और सीधे होते हैं, भला हो एक मित्र का जिन्होने एक मेल में कुछ चित्र भेज कर मेरी मुश्किल आसान कर दी, देखिये आप भी कितने मासूम होते हैं बेचारे पति,और……. पत्नियाँ कितनी सर्व गुण समपन्न होती हैं?

पैसा कहाँ है?

where-is-the-money.jpg

चलो….अपनी जेब बताओ!

show me

नहीं मैं नहीं दुंगा …. बचाऽऽओ

i'll not give the money

मुझे लेने दो

i m going

आखिर मिल ही गये पैसे, अब मैं चली शोपिंग करने…….बॉय

bye

(इस चिट्ठे पर कई कोशिश  के बाद भी यह  फ़ोटो  उपलोड नहीं हो पा रहे थे, अत: इस के लिये निधि जी की मदद भी लेनी पड़ी….धन्यवाद निधि)

14 Responses to “बेचारे पति!”

  1. सही है। चित्रो ने कहानी असरदार तरीके से बयाँ की है।

  2. Ashish said

    बहुत प्यारे बच्चे!

  3. बढ़िया फोटू ढूँढ कर लाये हैं नाहर भाई !

  4. बहुत प्यारे बच्चे हैं.

  5. Rachana said

    बढिया है!!!!

  6. दर्द में भी कुछ बात हैं. पतियों के दर्द को मुस्कुराने वाला बना दिया.
    मजा आया देख कर. काश पति पत्नि भी ऐसे मासुम हो सकते.

  7. भाईसा आखिरकार मदद भी निधि की लेनी पडी…. बढिया. लेकिन बापु फोटु झक्कास लाए हो!!

  8. SHUAIB said

    कमाल है – निधि जी को जवाब देने के लिए उन्ही से मदद मंगली आपने? 😉 छान कर बढिया तसवीरें खींच लाए – शेर करने के लिए धन्यवाद

  9. ratna said

    जो हम लिखने की सोच रहे थे वो आपके चित्रों ने बयां कर दिया। हैरान मत हों कि एक स्त्री होकर मैं आप लोगों का पक्ष क्यों ले रही हूँ,यह तो दो दशकों का अनुभव बोल रहा है। नन्हें-मुन्नों के आने के बाद पत्नियां स्वयं ही यह जान जाती है कि पति सच में मासूम होते है और समय के बीतने के साथ वह कैसे निरीह प्राणी में बदल जाते है।

  10. SHUAIB said

    रत्ना जीः आपके लिएः

    पति तो मसूम होते ही हैं
    मगर स्त्री भी पत्नी बनने के बाद घर की महा रानी के अलावा मां केहलाती है 🙂

    शुऐब

  11. रत्ना जी,
    नैतिक समर्थन देने के लिये हार्दिक धन्यवाद।
    अन्य सभी मित्रों को प्रविष्टी पसन्द आई उसके लिये धन्यवाद।

  12. Amit said

    खूब। ये तस्वीरें ईमेल द्वारा मेरे पास भी किसी ने भेजी थी, सही इस्तेमाल किए हो!! 😉

  13. Tarun said

    चित्रो ने कहानी असरदार तरीके से बयाँ की है।

  14. manya said

    पति-पत्नी में कौन ज्यादा मासूम है इस बारे में कुछ नहीं कहूंगी.. मेरे विचार से दोनों में मासूमियत होती है.. पर जिंदगी की जिम्मेदारियां रंग बदल देती हैं स्व्भाव का.. फ़िर ये रिश्ता भी ऐसा ही है कुछ खट्टा कुछ मीठा.. वैसे रचना और चित्र अच्छे हैं और मासूम भी..

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