॥दस्तक॥

गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलते हैं

एक “मुबारक” शाम

Posted by सागर नाहर पर 14, जुलाई 2008

en evening with Mallika-e- Tarannum ” Mubarak Begum”
कुछ दिनों पहले मूर्ति साहब का मेल   मिला कि 5 जुलाई को हैदराबाद में मुबारक बेगम आ रही हैं, क्या आप भी उन्हें सुनना चाहेंगे? साथ में जमुनाजी भी होंगी!
“नेकी और पूछ पूछ” मूर्ति साहब, मुबारक बेगम को कौन पगला नहीं सुनना चाहेगा? और फिर राजेन्द्र कुमार ( Rajendra Kumar) के साथ पर्दे पर मुबारक बेगम का सुप्रसिद्ध गीत  “मुझको अपने गले लगालो ए मेरे हमराही.. (Hamrahi) गाने वाली अभिनेत्री जमुना जी को देखने- मिलने का सौभाग्य भी मिलेगा। ( जमुना जी ( jamuna) कई तेलुगु फिल्मों के अलावा सुनील दत्त- नूतन अभिनित मिलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी)

ज्यों ज्यों पाँच तारीख आने लगी जा पाना और भी मुश्किल लगने लगा। एक तो शाम को ६ बजे कॉफे में ग्राहकी का समय  और उसी समय मुबारक बेगम को सुनना!
आखिरकार हमारी बेगम साहिबा ने कहा आप जाकर आईये कॉफे मैं और हर्ष संभाल लेंगे।

आखिरकार अतिउत्साह में मैं 5.30  पर ही ए.वी.कॉलेज, दोमलगुडा, हैदराबाद के ऑडिटोरियम में पहुँच गया। जहाँ अभी कुछ लोग ही पहुंचे थे। कुछ ही देर में जमुना जी अपने पति के साथ, और लगभग सात बजे मुबारक आपा भी पहुंच गई।

स्वागत समारोह के बाद स्टेज संभाला जमुनाजी ने और अपने संस्मरण सुनाये। जमुना जी को बरसों पहले हिंदी  फिल्मों में काम  मिलना बंद हुआ सो धीरे धीरे हिंदी बोलना भी कम हो गया फिर भी हिन्दी- अंग्रेजी और तेलुगु में जमुना जी ने कई मजेदार बातें बताई और अंत में बिना उन अभिनेताओं का नाम बताये यह भी बता दिया कि दो बड़े अभिनेताओं ने उनका बॉयकाट किया और इसके चलते हिन्दी फिल्म जगत छोड़ कर दक्षिण भारतीय फिल्मों में काम करना पड़ा।
 Jamuna and Mubarak Begum - जमुना और मुबारक बेगम
माइक संभालने की अब बारी थी मुबारक बेगम की।  मुबारक बेगम ने  जमुना को मेरी हीरोईन कहते हुए कई मजेदार बातें बताई। और बाद में अपने चप्पल एक  तरफ खोलकर ( यह तहज़ीब आजकल के कलाकारों में नहीं दिखती)  स्टेज संभाला, सबसे पहले आपने सुशीला फिल्म का बेमुरब्ब्त बेवफा गाना गाया और एक के बाद एक  क्रमश: मुझको अपने गले लगालो ए मेरे ( हमराही),  देवदास का वो ना आयेंगे पलटकर, हमारी याद आयेगी का कभी तन्हाईयों में यूं..आंसुओं में ना मुस्कुरा...  गाने गाये और दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी। दर्शकों ने वन्स मोर- वन्स मोर कहना शुरु किया, मुबारक बेगम अचानक राजस्थानी में बोलने लगी…… समझो कोनी म्हारो रियाज़ कोनी हुयो…..

इसी दौरान मूर्ती साहब मेरे पास आये  जानने के लिये कि  आनन्द आ रहा है कि नहीं?  मैने उनसे पूछा कि क्या दायरा फिल्म का “देवता तुम हो मेरा सहारा..” भी मुबारक आपा गायेंगी? तो मूर्ति साहब ने बताया कि  रियाज़ का समय ज्यादा नहीं मिल पाने की वजह से यह गाना नहीं हो पायेगा।

स्टेज पर गाती हुई मुबारक बेगम

स्टेज पर गाती हुई मुबारक बेगम


मुबारक बेगम अपनी डायरी के पन्ने पलट रही थी अचानक उन्हे क्या सूझा की डायरी एक तरफ  रख दी और कहने लगी चलिये मैं आपको एक बढ़िया गाना सुनाती हूँ, और डायरी खोले बिना आपा ने पूरा गाना ( बीच में रफी साहब के गाये शेर सहित) सुना दिया। मूर्ती साहब स्टेज पर  से मेरी तरफ इशारा करने लगे, कि लो आपकी फरमाईश भी पूरी हो ही गई। यह एकमात्र गाना था जिसको गाने के लिये मुबारक बेगम ने डायरी का सहारा नहीं लिया। (यह गीत आप गीतों की महफिल में सुन चुके हैं)

यहाँ एक बात कहना चाहूंगा कि मुबारक बेगम  भले ही काफी उम्रदराज़  हो गई हों  उनकी आवाज  पर भी उम्र का थोड़ा असर दिखने लगा हो पर आवाज की मिठास जस की तस है। इस उम्र में भी आप बहुत बढ़िया गाती है।  अंत में मुबारक बेगम ने दर्शकों की मांग पर  एक बार फिर से मुझको अपने गले लगालो और सांवरिया तेरी याद में गाने गाये।


मुबारक बेगम के स्टेज से उतरने के बाद मूर्ती साहब और आबाद रफी संस्था की एक  सदस्या ने माइक संभाला और अपनी मधुर  मुझको अपने  गले लगालो गाना सुनवाया। मूर्ती साहब के बाद कई सदस्यों ने गाना गाया।

मुझे इस दौरान मुबारक आपा के पास बैठने, ओटोग्राफ लेने और बात करने का सौभाग्य मिला। मैने जमाल सेन और दायरा फिल्म के दौरान रियाज़ को लेकर हुई बातों का जिक्र किया तो मुबारक बेगम एकदम खुश हो गई और  राजस्थानी में मुझसे पूछने लगी… थे  जमाल सेन जी के कुण लागो हो? ( जमाल सेनजी आपके क्या लगते हैं?)  मुबारक बेगम और मैं...मैने उन्हे बताया कि जमालसेन जी के  तो मैं कुछ नहीं लगता परन्तु आपका और उनके संगीत का प्रशंसक हूँ.. तो मुबारक बेगम कहने लगी हाँ  जमालसेन जी रियाज बहुत करवाते थे  और मैं  उकता जाती थी तो जमाल सेन कहते थे .. मुबारक थे समझो कोनी, बेटी के बाप.. रियाज़ करो तो गाणो चोखो होसी.. ( बेटी के बाप यह राजस्थानी में मजाक में आम बोले जाने वाला शब्द है-  मुबारक तुम समझती क्यों नहीं  रियाज़ सही होगा तो गाना अच्छा बनेगा ना)

जमाल सेन के बार बार रियाज़ करवाने का ही परिणाम था कि  मुबारक बेगम ने दायरा फिल्म के कई खूबसूरत गाने गाये।

खैर इस तरह  मुबारक बेगम के गाये गानों  के साथ  बिताई यह शाम काफी “मुबारक” रही।कार्यक्रम  शाम ए तरन्नुम- मुबारक बेगम संस्था आबाद रफी और  28  वर्षीय युवक समरजीत आचारजी ( संगीत  और कलाकारों के प्रति समरजीत के आदर- प्रेम  बारे में जानकारी  आगे दी जायेगी) के सहयोग से हुआ।

21 Responses to “एक “मुबारक” शाम”

  1. Annapurna said

    बहुत अच्छी पोस्ट !

    जमुना जी ने सुनील दत्त और नूतन के साथ फ़िल्म मिलन में काम किया था और यह मशहूर गीत उन्हीं पर फ़िल्माया गया था –

    बोल गोरी बोल तेरा कौन पिया

  2. ranju said

    बहुत ही रोचक जानकारी दी है आपने ,लगा हम भी साथ है …

  3. सागर भाई,
    हमने तो आर्कुट पर ही फ़ोटो देख लिया था अब रिपोर्ट पढकर मन खुश हो गया । अभी संजयजी से बात हो रही थी तो उन्होने कहा कि नितिन मुकेश भी स्टेज पर नंगे पांव ही गाते हैं । ये सब बातें आज के कलाकार भी सीखें तो मजा आये । आपकी तो पूरी शाम ही यादगार हो गयी और इसी बहाने पढकर हमारी भी । बहुत बढिया ।

  4. एक यादगार शाम जो बिती आपको मुबारक हो. ये क्षण जिन्दगी के हिस्सा बने रहेंगे.

  5. वाह नाहर भाई बहुत खूबसूरत शाम बिताई आपने…..बहुत बढ़िया अनुभव ….

  6. yunus said

    मुबारक शाम मुबारक हो सागर भाई
    हमें तो पढ़कर ही मजा आ गया ।

  7. आप खुशकिस्मत हैं सागर भाई, जो वक्त निकालकर वहाँ पहुँच गये, इसलिये भाभीजी को भी शुक्रिया…

  8. अफसोस रहेगा कि आपके बुलावे के बावजूद हम साथ नही चल पाये 😦

  9. ऐ एस मूर्ती, said

    ऐ एस मूर्ती, हैदराबाद

    सागरजी नमस्कार, उस मुबारक शाम के बारे में इतने हसीं लब्जों में शायद आपके सिवा कोई दूसरा नहीं लिख पायेगा. हमें यह प्रोगराम करते हुए बोहत ही ख़ुशी हुयी थी और हम कुश्किस्मत हैं की आप जैसे संगीत के ग्यानी और प्रेमी हमारे साथ थे. अबाद्रफी को ओर से में आपका शुक्रिया अदा करना चाहूँगा की आपने इस कार्यक्रम का विवरण अपने ब्लॉग पर दिया. धन्यवाद.

  10. neeraj1950 said

    भाई सागर जी मजो आगो…आप के राजस्थान का हो? आप की किस्मत से मन्ने बड़ी इर्षा हो री है…मुबारक जी रो मैं भी भोत बडो प्रशंक हूँ अर आप तो वांके सागे बैठर फोटो भी खिंच्वाली अर बाताँ भी कर ली….पेल्का जमाना का कलाकार भोत सीधा हुआ करे था…नखरा कोणी था जी…अब तो हाल ही बेहाल है.
    जय राम जी की
    नीरज

  11. वक़्त कितना बेरहम हुआ करता है सागर भाई.
    नाम चलता है तो बिकता है.
    सम्मान,यश,पैसा,शोहरत ..और जब क़ामयाबी का सूरज
    ढ़ल गया तो बस…भूल गया ज़माना.

    मैं सलाम करता हूँ मूर्ति साहब और उन जैसे दीगर
    आयोजकों को गुज़रे समय के और मुश्किल में ज़िन्दगी
    काट रहे कलाकारों को इतना सम्मान देते हैं.

    आकाशवाणी इन्दौर के लाइव कंसर्ट्स में मुबारक आपा
    कई बरसों तक मेरे शहर में आती रही हैं और उनकी
    एकदम अलग सी आवाज़ उनका नाम लेते ही उमड़-घुमड़
    कर मन-मानस पर छा जाती है.

    यूनुस भाई से गुज़ारिश करूंगा कि मुबारक बेगम की एक
    प्रायवेट रचना
    दिल सरापा आरज़ूएँ इन दिनों
    तू नहीं है मैं ही मैं हू इन दिनों
    (पहले मिसरे में कोई त्रुटि गई तो यूनुस भाई आप सुधार कर दें)
    रेडियोवाणी से सुनवाएँ.

    सागर भाई कितना अच्छा हो न जब हम यूनुस भाई से कहें कि फ़लाँ
    रचना सुनवाएँ तो वे कमेंट के रूप में ही ऑडियो जारी कर दिया करें.

    इंशाअल्लाह!

  12. Sameer Lal said

    Mubaarak ho Mubaarak aapa se milna our sunanaa. Bahut rochak report lagi, Aabhar.

  13. मुबारक हो सागर भाई – आप एक सच्ची कलाकारा से मिल लिये –
    जमुना जी मेँ भी कमाल की सादगी लिये सुँदरता है !
    – लावण्या

  14. ख़ुशकिस्मत हैं आप!

  15. जीवन की इस आपाधापी में एक शाम आप ने अपने मन पसंद तरीके से बिताई जान कर अच्छा लगा, बधाई

  16. Harshad Jangla said

    Sagarbhai

    Whole episode was Mazedaar. Detailed description was enjoyable.
    Thanx for the presentation.

    -Harshad Jangla
    Atlanta, USA

  17. vipin jain said

    ख़ुशकिस्मत हैं आप एक सच्ची कलाकारा से मिल लिये
    मेरा ब्लॉग भी देखे
    http://vipinkizindagi.blogspot.com/

  18. सागरभाई,
    बहोत बहोत बधाई ।
    पियुष महेता

  19. Ek Shaam AApke Naam…. aapka bahut dhanyawaad ki aapne isse hamare sath bata 🙂

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  20. Ila said

    सागर भाई,आप तो हमें अपने साथ ही मुबारक बेगम के पास ले गये मानो.शुक्रिया.और कहां कहां ले चलने का इरादा है ?
    सस्नेह,
    इला

  21. बसंत जैन said

    कार्यक्रम का बहुत ही शानदार चित्रण ……. लगा मानो हम भी वहीं हैं आपके साथ

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